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ओपो और वीवो भारत में सैमसंग के लिए बन सकते हैं बड़ा खतरा, जानें कैसे ?

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भारतीय बाजार में सैमसंग को ओपो और वीवो जैसी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों से टक्कर मिल सकती है।


पिछले साल के अंत में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत 4में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 30 करोड़ से पार हो गई है और साल 2016 में स्मार्टफोन बिक्री में 18 प्रतिशत की तेजी भी देखी गई। जबकि वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में केवल 3 प्रतिशत की तीव्रता देखी गई। भारतीय स्मार्टफोन में जहां अभी सैमसंग, सोनी और माइक्रोमैक्स जैसी कंपनियां लोकप्रिय थीं। वहीं अब यह जगह चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों ले ली है। इन चीनी कंपनियों में शाओमी, ओपो, लेनोवो और शाओमी आदि शामिल हैं। जिनमें से वीवो और ओपो अन्य स्मार्टफोन कंपनियों को टक्कर दे रही हैं। खासतौर से स्मार्टफोन ब्रांड में टॉप स्थान पर रही सैमसंग को इनसे कड़ी टक्कर मिल सकती है।

इंडस्ट्री एक्जीक्यूटिव का कहना है कि भारतीय स्मार्टफोन बाजार में इस तरह की तेजी इन दोनों कंपनियों वीवो और ओपो के बिना बिल्कुल भी संभव नहीं होती। इससे पहले कभी भी देश में स्मार्टफोन वितरण के कारोबार संरचना में खलल नहीं डाला गया।

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उन्होंने कहा कि वीवो मोबाइल इंडिया और ओपो मोबाइल इंडिया भारतीय मोनिटरिंग बिजनेस में मुख्य कंपनी के रूप के उभर कर आई हैं। इसकी खास वजह यह है कि इन हेंडसेट के लिए लोकल डिस्ट्रीब्यूशन, मार्केटिंग, सेल्स और आॅफ्टर सेल्स सर्विस के अलावा स्वतंत्र कंपनी और स्टेट व रीजन में एजेंट की सुविधा आदि शामिल हैं। यह एजेंट कंपनी के लाभ व हानि पर नजर रखते हैं। वीवो और ओपो उन टॉप तीन स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में शामिल हैं जो किसी व्यवधान पर डिवाइस वापर मंगा लेती हैं। इनकी रणनीति के अनुसार इनकी प्रबंधन टीम का नेतृत्व भारतीय कर्मचारियों के साथ जमीनी स्तर पर कारोबार को संभालना है।

सेलफोन रिटेलर हॉटस्पॉट के डायरेक्टर सुभाशिष मोहंती का ​कहना है कि ‘ओपो और वीवो भारतीय बाजार में उसी रणनीति के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं जैसी कि चाइना में उपयोग की जाती है।’ उन्होंने कहा कि जहां अन्य सभी ब्रांड राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय वितरकों, जो स्थानीय स्तर पर उत्पादों लेने के लिए जिम्मेदार हैं के साथ कार्य करते हैं। वहीं ओपो और वीवो मार्केट शेयर में तेजी के लिए अन्य गतिविधियों को कंट्रोल करते हैं।

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मार्केट शेयर की बात करें तो साल 2015 में अक्टूबर-दिसंबर में भारतीय बाजार में वीवो के 10 प्रतिशत मार्केट शेयर थे जबकि ओपो के 8 प्रतिशत। वहीं सैमसंग के पास 24 प्रतिशत मार्केट शेयर थे।

वहीं काउंटरप्वाइंट एनालिस्ट शोभित श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले कुछ समय में ओपो और वीवो ने भारतीय बाजार में तेजी के साथ मार्केट शेयर में बढ़ोत्तरी करते हुए सैमसंग और अन्य भारतीय ब्रांड से अच्छी पोजिशन प्राप्त कर ली है। गौरतलब है कि साल 2016 में आईडीसी टॉप 5 मोबाइल निर्माता कंपनियों की लिस्ट में ओपो और वीवो ने लेनोवो और शाओमी को पछाड़ते हुए अपनी जगह बनाई।

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