
भारत में व्हाट्सएप इनक्रिप्शन को अवैध बताया जा रहा है। सुरक्षा के लिए व्हाट्सएप 256बिट्स इनक्रिप्शन तकनीक का उपयोग कर रहा है जो कि भारतीय आईटी एक्ट के नियमों का उल्लंघन करता है।
विश्व की प्रमुख मोबाइल मैसेंजर सर्विस व्हाट्सएप ने कुछ दिन पहले इनक्रिप्शन सेवा को लॉन्च किया है। इसके माध्यम से व्हाट्सएप, मैसेज, कॉल, फोटो और वीडियो सहित सभी कंटेंट को इनक्रिप्ट किया जा सकता है। अर्थात इन्हें सुरक्षित किया जा सकता है जिससे कि कोई दूसरा इसे पढ़ न सके। कंपनी का दावा है कि सेवा को इनेबल करने के बाद आपके व्हाट्सएप कंटेंट को सिर्फ वहीं पढ़ सकता है जिसे आपने भेजा है। तीसरा कोई भी इसे देख नहीं सकता। खुद कंपनी भी इसे नहीं पढ़ सकती।
कंपनी ने व्हाट्सएप मैसेज के साथ एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन सेवा की बात की है। इस फीचर का लाभ विश्व भर में सौ करोड़ से भी ज्यादा व्हाट्सएप उपभोक्ता उठा सकते हैं। एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन के बाद आपका व्हाट्सएप हैकर्स, थर्डपार्टी एप और अन्य किसी संस्था से पूरी तरह सुरक्षित हो गया है लेकिन इसने भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर की सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। क्योंकि सुरक्षा एजेंसी भी इसे नहीं पढ़ सकती।
हालांकि भारत में व्हाट्सएप की इस सेवा को लेकर अलग चर्चा है। भारत में व्हाट्सएप इनक्रिप्शन को अवैध बताया जा रहा है। सुरक्षा के लिए व्हाट्सएप 256बिट्स इनक्रिप्शन तकनीक का उपयोग कर रहा है जो कि भारतीय आईटी एक्ट के नियमों का उल्लंघन करता है।
अब कोई नहीं कर सकेगा आपके व्हाट्सएप की जासूसी, जानें कैसे
भारत में व्हाट्सएप काफी प्रचलित है और अब तक बिना किसी रोकटोक के कार्यान्वित हुआ है। परंतु फिलहाल भारत का आईटी एक्ट निजी क्षेत्र में 256बिट्स इनक्रिप्शन की इजाजत नहीं देता है। हालांकि इस बारे में अब तक कोई विशेष नियम नहीं है लेकिन फिर भी डिपार्टमेंट आॅफ टेलीकॉम, जो भारत सरकार के अंतर्गत है उसके द्वारा निर्देशित कुछ नियमों का व्हाट्सएप उल्लंघन करता नजर आता है। इस आधार पर व्हाट्सएप इनक्रिप्शन को भारत में अवैध घोषित किया जा सकता है।
इस बारे में सॉफ्टवेयर फ्रीडम ला सेंटर (एसएफएलसी) के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर, मिशि चौधरी कहती हैं कि, ”उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए व्हाट्सएप का यह कदम बेहद ही महत्वपूर्ण है लेकिन हमारे देश में इंटरनेट सर्विस प्रदाताओं के लिए जो लाइसेंस एग्रीमेंट है वह इस इनक्रिप्शन सर्विस को रोकता है। हमारे यहां बल्क इनक्रिप्शन के लिए कुछ खास सीमाएं हैं जो काफी कमजोर कही जा सकती हैं।”
उन्होंने कहा ”भारत में स्टॉक एक्सचेंज जिसे सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है वह 64बिट्स/128बिट्स इनक्रिप्शन की अनुमति देता है। वहीं बैंकिंग क्षेत्र का नियंत्रक रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया बैंको के लिए 128बिट्स इनक्रिप्शन की इजाजत देता है। इस बारे में डाटा सिक्योरिटी काउंसिल आॅफ इंडिया (डीएससीआई) ने वर्ष 2009 में इनक्रिप्शन नियमों में बदलाव लाने की बात कही थी। उसने अडवांस इनक्रिप्शन स्टैंडर्ड 256बिट्स इनक्रिप्शन नियम की वकालत की थी। परंतु अब तक इस पर किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं किया गया। भारत में अब भी 40बिट्स इनक्रिप्शन ही स्टैंडर बना हुआ है जो आज के बदलते तकनीकी युग में किसी काम का नहीं है।”
क्या पूरी तरह इनक्रिप्ट है व्हाट्सएप?
मार्च 2015 में ट्राइ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल उपभोक्ता के 51 फीसदी लोग व्हाट्सएप का उपयोग कर रहे हैं जो लगभग 70 मिलियन से ज्यादा हैं। जाहिर है अब तक इस संख्या में और भी इजाफा हो होगा। ऐसे में भारत सरकार के लिए यह बहुत बड़ा फैसला होगा कि व्हाट्सएप इनक्रिप्शन पर किस तरह से आगे बढ़ा जाए।
इस बाबत साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि “इनक्रिप्शन के माध्यम से व्हाट्सएप ने भारत सरकार ही नहीं विश्व के कई देशों की सिरदर्दी बढ़ाने का कार्य किया है। सुरक्षा एजेंसी किसी की मैसेज इनक्रिप्ट नहीं कर सकती इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। वहीं खास बात यह भी कही जा सकती है कि व्हाट्सएप एक ओटीटी प्लेयर है जो भारत स्थित भी नहीं है। भारत में कंपनी के आॅफिस तक नहीं है। ऐसे में आप आसानी से उसका कुछ कर भी नहीं सकते। आप राजनीतिक रूप से ही उस पर दबाव डाल सकते हैं।”
उन्होंने कहा “भारत में आईटी एक्ट वर्ष 2000 में आया और उस वक्त इनक्रिप्शन की कोई पॉलिसी नहीं थी। वर्ष 2008 मुंबई हमले के बाद इसमें बदलाव किया गया जहां आईटी एक्ट की धारा 84ए के तहत केंद्र सरकार को यह शक्ति दी गई कि इनक्रिप्शन के लिए नियम बना सके। परंतु 7-8 सालों में सरकार द्वारा कुछ नहीं किया गया। पिछले साल इनक्रिप्शन को लेकर सरकार ने कोशिश की थी जब यह नियम लाई गई थी कि व्हाट्सएप मैसेज को आप 90 दिन के अंदर डिलीट नहीं कर सकते। पंरतु भारी विरोध की वजह से उसे भी वापस करना पड़ा।”
आगे कहते हैं “व्हाट्सएप इसके लिए बहुत दिनों से कोशिश कर रहा था। वहीं हाल में आए एक नए मुद्दे ने इसे और हवा देने का काम किया। अमेरीका में एप्पल और एफबीआई के विवाद में कई कंपनियों ने एप्पल का साथ दिया जिसमें फेसबुक भी शामिल था और जैसा कि मालूम है व्हाट्सएप फेसबुक की ही कंपनी है। अभी यह मामला कोर्ट में ही है तब तक व्हाट्सएप ने अपनी इनक्रिप्शन सेवा शुरू कर दी।”
दुग्गल कहते हैं, “इससे पहले भारत में ब्लैकबेरी का मामला आप देख चुके हैं। पहले कंपनी की बीबीएम सेवा इनक्रिप्ट भी और उसे कोई नहीं पढ़ सकता था। परंतु बाद में भारत सरकार के दबाव के बाद उन्हें भारत में सर्वर स्थापित करना पड़ा। ऐसे में भारत सरकार अपने दायित्वों की बात कर व्हाट्सएप पर यह दबाव डाल सकती है कि वह इनक्रिप्शन कोड प्रदान करे जिससे कि सुरक्षा एजेसियां मैसेज पर नजर रख सकें।”