
केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में ई-कॉमर्स एवं बैंकिंग जैसे पांच क्षेत्रों में आपूर्ति के स्थान (पीओएस) से संबंधित नियमों से जुड़े प्रावधान पर उद्योग जगत की राय मांगी है। जीएसटी वस्तु एवं सेवा की आपूर्ति के स्थान पर लगेगा।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि उद्योग संघों से जीएसटी को सरलता से लागू करने के लिए संक्रमणकालीन प्रावधानों और प्रमुख छूटों पर अपनी राय देने के लिए कहा गया है।
सूत्र ने कहा, “उद्योग को उन मुद्दों पर राय बनानी चाहिए, जो जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं।”
एप्पल आईफोन 6एस के 6 कैमरा फीचर्स जो इसे बनाते हैं सबसे स्मार्ट
सरकार ने जीएसटी पंजीकरण, रिफंड और भुगतान पर प्रक्रिया का मसौदा वेबसाइट पर डाल दिया है और माईगव डॉट इन के जरिए उस पर टिप्पणी मांगी है। सरकार जीएसटी को एक अप्रैल 2016 से लागू कर देना चाहती है, लेकिन विधेयक अब तक संसद से पारित नहीं हो पाया है।
संसदीय समिति ने इसमें एक फीसदी अतिरिक्त कर जोड़ी है, ताकि राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। विपक्ष हालांकि इसका विरोध कर रहा है और महंगाई बढ़ने का अंदेशा जता रहा है।
योग समुदाय की हलचल से अवगत कराएगा योगाट्रेलडॉटकॉम
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने रविवार को कहा कि उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से प्रस्तावित अतिरिक्त कर को हटाने की मांग की है।
उद्योग संघ के अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने संयुक्त बयान में कहा, “राज्यों के बीच व्यापार पर एक फीसदी अतिरिक्त कर जीएसटी प्रभावित होगा और कई क्षेत्रों पर इसका असर होगा।”