
दूरसंचार आयोग ने ट्राई से नेटवर्क की समस्या के मामले में कंपनियों से जुर्माने पर स्पष्टीकरण मांगा है।
दूरसंचार आयोग ने दूरसंचार विभाग :डीओटी: से तीन दूरसंचार कंपनियों पर प्रतिस्पर्धी को पर्याप्त प्वाइंट आफ इंटरकनेक्टश :नेटवर्क संपर्क सुविधा: न देने पर 3,050 करोड़ रपये के जुर्माने की सिफारिश पर ट्राई से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है। यह जुर्माना नई कंपनी रिलायंस जियो को पर्याप्त नेटवर्क संपर्क सुविधा नहीं देने की शिकायत पर भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्यूलर पर लगाने की सिफारिश की गई है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा है, ‘‘दूरसंचार आयोग ने दूरसंचार विभाग को ट्राई से 10-12 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगने को कहा है। इसमें यह मुद्दा भी शामिल है कि क्या ‘पांइट ऑफ इंटरकनेक्शन’ उपलब्ध कराने के लिये दूरसंचार परिचालकों को 90 दिन का समय दिया गया है तथा प्रति सलाना 50 करोड़ रुपये का जुर्माना किस गणना के आधार पर लगाया गया है।’’ सूत्रों का कहना है कि दूरसंचार विभाग में स्थापित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसे भी देखें: बिना कैश के भुगतान में मदद करेंगे यह एप्लिकेशन
इसके अलावा दूरसंचार आयोग ने उन दूरसंचार कंपनियों से 2,834 करोड़ रपये की वसूली का नोटिस भेजने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है जिन कंपनियों ने फरवरी 2012 को अपना लाइसेंस रद्द किए जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश और उसके बाद नीलामी में नऐ स्पेक्ट्रम और लाइसेंस हासिल करने के बीच की अवधि में सेवाएं जारी रखे हुए थीं। यह मांग उसी अवधि के लिए है।
दूरसंचार विभाग ने एक समिति गठित की है जिसे भारतीय दूरसंचार नियमन प्राधिकरण :ट्राई: द्वारा प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्टशन के मामले में जुर्माने का अध्ययन कर उस पर कारवाई के बारे में सुझाव देने को कहा गया था। समिति ने स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या रिलायंस जियो को नेटवर्क संपर्क उपलब्ध कराने के लिये नियामक द्वारा दी गई 90 दिन की अवधि की गणना क्या आग्रह करने के दिन से की गयी है।
रिलायंस जियो ने अगस्त में ट्राई से कहा था कि उसे मोबाइल सेवाओं के लिये 12,727 और एसटीडी सेवाओं के लिये 3,068 पांइट ऑफ इंटरकनेक्शन की जरूरत है। कंपनी ने अपनी वाणिज्यिक सेवायें पांच सितंबर से शुरू कर दी हैं।
इसे भी देखें: जेडटीई ब्लेड ए2 प्लस को टक्कर देंगे शाओमी रेडमी नोट 4 और लेनोवो के6 पावर, जानें कीमत, स्पेसिफिकेशन और फीचर्स में अंतर