
सरकार द्वारा पीसीबी पर 2 प्रतिशत पीसीबी लगाया गया है जिसके बाद भारत में स्मार्टफोन की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा पेश किए गए आम बजट 2017-18 को पेश करते हुए तकनीक और मोबाइल क्षेत्र से जुड़ी भी कई खास घोषणाएं की। इन घोषणाओं के अंतर्गत सरकार ने मेक इन इंडिया योजना को बढ़ावा देते हुए विदेशों से आने वाली पीसीबी पर 2 प्रतिशत एसएडी लगा दिया है। जिसके बाद लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को सपोर्ट भी मिलेगा। किंतु विदेशों से आने वाली पीसीबी पर 2 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगने के बाद मोबाइल फोन की कीमतें बढ़ सकती हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को आम बजट 2017 को पेश करते समय कस्टम ड्यूटी में कुछ बदलाव करते हुए कहा कि इससे “घरेलू उद्योगों को पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी।” सरकार ने मोबाइल फोन निर्माण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड या मदर बोर्ड) पर भी स्पेशल एडिशनल ड्यूटी (एसएडी) भी लगा दिया। हालांकि यह मोबाइल फोन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से यानी पीसीबी की कीमत में यह कर बहुत ज्यादा नहीं है। किंतु ध्यान देने वाली बात यह है कि स्मार्टफोन की लागत में अकेले पीसीबी का योगदान 25 से 30 प्रतिशत है।
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पैनासोनिक इंडिया के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा,‘ इससे मोबाइल हैंडसेटों की लागत लगभग एक प्रतिशत बढ़ेगी। शुरआती चरण में यह लागत ग्राहकों पर ही पड़ेगी क्योंकि इसे पूरी तरह वहन करना कठिन है।’
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक तरूण पाठक ने कहा,‘ शुल्क में दो प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि के मद्देनजर हमारा मानना है कि मोबाइल फोन 1-2 प्रतिशत महंगे होंगे लेकिन यह कंपनियों (ओईएम) पर निर्भर करता है कि वे इस भार को ग्राहकों पर डालते हैं या नहीं।’ उन्होंने कहा कि हैंडसेट कंपनियां लागत वृद्धि को टालने के लिए अन्य कुलपुर्जों के बिल में कमी कर सकती हैं।
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ध्यान देने वाली बात है कि भारत में असेंबल किए जाने वाले मोबाइल फोन के पार्ट विदेशों से आयात किए जाते हैं। अभी तक पीसीबी के लिए कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं देना होता था। किंतु अब 2 प्रतिशत पीसीबी की घोषणा के बाद इन पार्ट्स को मंगाने के लिए कर देना होगा। जिससे कि हर्जाना मोबाइल फोन कंपनियां मोबाइल की कीमतों में बढ़ोत्तरी करके पूरा कर सकती हैं।
सरकार द्वारा पीसीबी लगाने की घोषणा के बाद घरेलू फोन निर्माण में इजाफा होगा। साथ ही मोबाइल कंपनियां देश में की निर्माण करेंगी। गौरतलब है कि पिछले कुछ वक्त में 72 मोबाइल कंपनियों द्वारा भारत में निर्माण शुरू किया गया है। इनमें से 40 कंपनियों का काम मोबाइल निर्माण है जबकि 32 कंपनियां चिप बनाने के व्यवसाय से जुड़ी हैं।
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