
बदलती दुनिया को ध्यान में रखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने डिजिटल होने का फैसला किया है।
तकनीकी तरक्की ने भौगोलिक सीमाओं को जोड़ दिया है। बदलती दुनिया को ध्यान में रखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने डिजिटल होने का फैसला किया है। नई गर्वनिंग बॉडी ने अभी से पेपरलेस तरीके से काम करना शुरू कर दिया है। 2017 के दौरान आईएमए अपने 2.8 लाख डॉक्टर सदस्यों और आम लोगों के लिए नीतियों और संदेश डिजीटल माध्यमों के जरिए ही प्रसारित करेगा।
आईएमए के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि आईएमए पूरी तरह से पेपरलेस होने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। मेडिकल पेशे को ज्यादा पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने के साथ ही बड़े स्तर पर लोगों में राष्ट्रीय महत्व के स्वास्थ्य जागरूकता के मसले उठाने के लिए वचनबद्ध रहा है।
उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया की ताकत में भरोसे का सर्मथन करते हैं और इसे डॉक्टरों और आम लोगों के साथ संवाद करने के लिए प्रयोग करेंगे।
आईएमए ने टीम आईएमए के नाम से पहले ही एक डिजिटल ग्रुप बना दिया है जो 2500 सेंट्रल काउंसिल सदस्यों के साथ संवाद का माध्यम बनेगा। जनवरी 2016 से ही 2 लाख से ज्यादा डॉक्टर सदस्यों को टेक्स्ट संदेशों और ईमेल के जरिए संस्था की अहम जानकारियां और स्वास्थ्य मसलों की जानकारी भेजी जा रही है।