
500 और 1000 रुपए के नोट पर प्रतिबंध लगने के बाद ई-वॉलेट सर्विस के उपयोग शॉपिंग मॉल, टैक्सी बुकिंग व कई क्षेत्रों में बढ़ा है। वहीं ओडिशा में बड़े व्यापारी ही नहीं बल्कि छोटे दुकानदार भी अब ई-वॉलेट का उपयोग कर रहे हैं।
नकदी की कमी से जूझ रहे आज के समय में ओडिशा की राजधानी के रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों ने अपने कारोबार के लिए ई-वालेट का सहारा लेना शुरू कर दिया है। यह छोटे दुकानदार मोबाइल फोन के जरिए या फिर आनलाइन भुगतान लेकर लोगों को राहत भी दे रहे हैं और खुद के कारोबार को भी जिंदा रखे हुए हैं। राजधानी के यूनिट 2 में राजू की चाय की दुकान है। राजू को नोटबंदी से अब कोई दिक्कत नहीं है। उसके लिए पेटीएम से काम आसानी से चल रहा है।
राजू ने कहा, “500 और 1000 नोट बंद होने से बड़ी चिंता हुई। छोटी नोट की भी कमी हो गई। ऐसे में मैंने अपने मोबाइल फोन पर पेटीएम का एप डाउनलोड किया और ग्राहकों से इसी के जरिए भुगतान करने को कहा।”
सड़क पर दुकान लगाने वालों की ही तरह छोटे किराना स्टोर के मालिक भी ई-वालेट का सहारा ले रहे हैं। भुवनेश्वर के नीलाद्री विहार इलाके में दुकान चलाने वाले तपस पांडा ने कहा, “नोटबंदी के बाद कारोबार पर असर पड़ा लेकिन अब हम ई-वालेट के जरिए भुगतान ले रहे हैं। नकदी की कमी के बीच यह बड़ी राहत बनकर आए हैं।”
मोबाइल वालेट कंपनियां मौके का फायदा उठाने से चूक नहीं रही हैं। इनके प्रतिनिधि दुकानों तक जा रहे हैं और दुकानदारों को समझा रहे हैं कि पैसे के लेनदेन का सबसे बढ़िया तरीका यही है कि उनकी कंपनी का ऐप डाउनलोड कर लिया जाए। 500 और 1000 रुपए के नोट पर प्रतिबंध: अब गूगल देगा आसपास के एटीएम की जानकारी
लेकिन, देश में और जगहों की तरह अब भुवनेश्वर के लोगों के सामने भी एक नई समस्या आ गई है और वह है 2000 रुपये का नोट। इतने मूल्य का एक ही नोट कई बार काम का नहीं साबित हो रहा है। लोग रोजमर्रा की चीज खरीदते हैं और ऐसे में यह 2000 रुपये का नोट कोई लेने के लिए तैयार नहीं होता। सभी के पास खुले पैसे की समस्या है।
स्थानीय निवासी रंजन साहू ने कहा, “दुकान से 450 रुपये का किराने का सामान खरीदा। दुकानदार को 2000 का नोट दिया। उसने शेष पैसा वापस करने से मना कर दिया और कहा कि उसके पास 100 के बहुत कम नोट हैं। उसने कहा कि कम से कम 800 रुपये का सामान खरीदो तभी यह नोट टूटेगी यानी शेष राशि मिलेगी।”