
ऐसा लगता है कि भारत सरकार ने धीरे—धीरे पोर्न साइट्स पर बैन लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि यह बात अधिकारिक रूप से नहीं कही गई है लेकिन कल ट्विटर और रेडीट पर कुछ उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत की है।
रेडीट पर उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत की गई है कि एमटीएनएल और बीएसएनएल जैसे कुछ इंटरनेट सर्विस प्रदाताओं ने कुछ सर्किल में प्रोर्न साइट के एक्ससे पर रोक लगा दी है। हालांकि जिन साइट को एमटीएनएल और बीएसएनएल द्वारा बैन किया गया है वे एयरटेल ब्रॉडबैंड और वोडाफोन इंटरनेट पर एक्सेस किए जा रहे हैं।
पोर्न साइट पर रोक लगाने के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा इस कदर फूट पड़ा कि आज सुबह तक ट्विटर पर पोर्नबैन ट्रेंड करने लगा। पोर्न साइट एक्सेस के दौरान लोगों को ऐरर मिला और पूरा पेज ब्लैंक था।
हालांकि यह खबर इस लिए भी चौंकाने वाली थी क्योंकि हाल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पोर्न वेबसाइट पर बैन लगाने से मना कर दिया गया था। द हिंदू अखबार में प्रकाशित एक लेख के अनुसार इस मसले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एचएल दत्तू का कहना था कि ”पोर्न वेब साइट पर बैन करने का आदेश पास नहीं किया जा सकता। कोई कोर्ट आकर यह कह सकता है कि मैं 18 साल से ज्यादा उम्र का हूं आप मुझे मेरे कमरे की चार दिवारी में पोर्न देखने से कैसे रोक सकते हैं। यह आर्टिकल 21 का हनन है जिसमें राइट टू पर्सनल लिबर्टी की बात कही गई है।”
एमटीएनएल और बीएसएनएल के नेटवर्क पर प्रचलित 13 पोर्न साइट्स में से 11 के एक्ससे को बंद कर दिया गया है। फिलहाल पोर्न साइट के बैन पर न ही सरकार और न ही डीओटी द्वारा इस पर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया दी गई है।