
भरतनाट्यम शैली की जानी-मानी नृत्यांगना रूक्मणी देवी अरूंडेल के 112वें जन्मदिवस पर गूगल ने अपने डूडल के माध्यम से उनके प्रति सम्मान प्रकट किया।
गूगल ने आज डूडल के माध्यम से भरतनाट्यम की जानी-मानी नृत्यांगना रूक्मिनी देवी अरूंडेल का 112वां जन्मदिवस मनाया। गूगल ने अपने डूडल पर नृत्य करते हुए रूक्मिनी देवी की आकृति बनाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया है। इस डूडल में उन्हें नृत्य की पारंपरिक पोशाक में दिखाया गया है।
1920 के दशक में जब भरतनाट्यम को अच्छी नृत्य शैली नहीं माना जाता था और लोगों द्वारा इसका विरोध होता था। तब रूक्मिनी देवी ने न केवल इसका समर्थन किया बल्कि इसे अपनाया भी। नृत्य सीखने के साथ उन्होंने तमाम विरोधों के बावजूद इसे मंच पर प्रस्तुत भी किया।
रूक्मिनी देवी जानी—मानी भरतनाट्यम नृत्यांगना रहीं हैं। इनका जन्म 29 फरवरी 1904 में हुआ। यह न केवल नृत्यांगना थीं बल्कि भारतीय सांस्कृतिक संगीत के क्षेत्र में भी इनका काफी योगदान रहा है। रूक्मिनी देवी के निजी जीवन पर नजर डालें तो उनका जन्म उच्च श्रेणी के हिन्दू परिवार में हुआ। इनके पिता पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट में कार्यरत थे। साथ ही वह एक थियोसोफिस्ट भी रहे।
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रूक्मिनी देवी 1952 में राज्यसभा सांसद बनीं और इस दौरान उन्होंने पशु क्रूरता निवारण के लिए विधेयक का प्रस्ताव भी रखा। यह विधेयक 1960 में पास भी हो गया। उन्हें 1956 पद्म भूषण से नवाजा गया। 1967 में उन्होंने अपनी संगीत नाटक अकेडमी शुरू की। इस दौरान मोरारजी देसाई ने इनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए रखा जिसे रूक्मिनी देवी ने अस्वीकार कर अपनी अकेडमी को महत्व दिया।