
गूगल एप स्टोर पर अनियमितताओं को लेकर हमेशा इल्जाम लगे हैं। ऐसा ही एक वाक्या कल हुआ जब प्ले स्टोर पर एक बेहद ही फुहड़ एप सबसे उपर ट्रेंड करने लगा।
एंडरॉयड फोन इसलिए विश्व भर में लोकप्रिय है क्योंकि गूगल प्ले स्टोर पर ढेर सारे मुफ्त एप मिल जाते हैं। परंतु गूगल के इस एप स्टोर पर अनियमितताओं को लेकर भी हमेशा इल्जाम लगे हैं। ऐसा ही एक वाक्या कल हुआ जब प्ले स्टोर पर एक बेहद ही फुहड़ एप सबसे उपर ट्रेंड करने लगा। यह एप गूगल द्वारा सिक्योरिटी और पोर्न को लेकर दिए गए सभी दावों की पोल खोलता है।
वाक्या यह है कि कल गूगल प्ले स्टोर पर ट्रेंडिंग सेक्शन पर एक अडल्ट एप ट्रेंड करने लगा जिसका टाइटल बेहद ही अभद्र था। लिंग की लंबाई बढ़ाएं वीडियो। वहीं खास बात यह कही जा सकती थी कि इस एप को सिर्फ 1,000 लोगों ने डाउनलोड किया था फिर भी यह ट्रेंडिंग सेक्शन में सबसे आगे दिख रहा था जिसे एक 12 साल के लड़के ने भी रेट कर रखा था। हमने भी यह जानने की कोशिश की कि आखिर कैसे गूगल ने इस एप को स्वीकृत किया इसलिए इसे डाउनलोड भी किया और पाया कि यह एप सिर्फ विज्ञापनों से भरा है।
गूगल हमेशा से ही इस बात का गुमान करता है कि प्ले स्टोर पर सबसे ज्यादा मुफ्त एप्लिकेशन हैं। दूसरे मोबाइल आॅपेरटिंग सिस्टम के एप स्टोर से इसकी तुलना करें तो यह सबसे बड़ा एप स्टोर है और इसके एप की संख्या में लगातार इजाफा ही हो रहा है। प्ले स्टोर की इन्हीं खूबियों ने एंडरॉयड आॅपरेटिंग सिस्टम को एक नई उंचाइयों पर पहुंचा दिया।
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परंतु ऐसा लगता है गूगल प्ले स्टोर की यही विशेषता अब कंपनी के लिए सिर दर्द बनने वाली है। कपंनी इस तरह के फुहड़ और अभद्र एप को नियंत्रित करने में असमर्थ हो रही है। इसका खामियाजा यह हो रहा है कि गूगल प्ले स्टोर पर एप की क्वालिटी खराब हो रही है और पोर्नग्राफी की शक्ल में ढेर सारे मालवेयर एप स्टोर पर भरे पड़े हैं।
यह एप्लिकेशन हनीमून मसाला वीडियो डेवलपर्स द्वारा तैयार किया गया था और इस डेवलपर्स ने ऐसे कई अन्य एप भी प्ले स्टोर पर पोस्ट कर रखा था। इन फ्रीमियम एप में ढेर सारे एडवेयर होते हैं। इसके साथ ही इन एप से फोन की सुरक्षा को भी खतरा होता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि हनिमून मसाला वीडिया इकलौता डेवलपर है जो इस तरह के एप प्ले स्टोर के लिए बना रहा है। प्ले स्टोर पर ऐसे ढेर सारे डेवलपर्स हैं जो मालवेयर वाले एप बना कर पोस्ट कर रहे हैं।
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सबसे रोचक बात है कि गूगल का दावा है कि वह इस तरह के किसी भी एप जिसमें थोड़ा सा भी यौनाचार और कामुक कंटेंट का उपयोग किया गया है उसे बर्दाश्त नहीं करेगा। कंपनी का दावा है कि तुरंत उसे हटा दिया जाएगा। चाहे इस तरह का कंटेंट एप के आईकॉन, टाइटल या फिर विवरण में हो उसे एप स्टोर पर नहीं रखा जाएगा। कंपनी ने खुले तौर पर इस तरह की बातें अपने डेवलपर्स प्रोग्राम पॉलिसी पेज पर कही है। बावजूद इसके प्ले स्टोर पर उपलब्ध कंटेंट को देखकर कहा जा सकता है कि कंपनी इसे लिखकर इस पर कार्य करना भूल गई। क्योंकि डेवलपर्स द्वारा इस पॉलिसी की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
अवस्त सिक्योरिटी रिसर्चर फ्लिप चेट्री का कहना है कि ऐसे डेवलपर्स बेहद ही स्मार्ट तरीके से उपभोक्ताओं को विज्ञापन दिखाते हैं। कुछ एप में ये तुरंत विज्ञापन नहीं दिखाते बल्कि इंस्टॉल करने के एक दो दिन बाद से उपभोक्ताओं को विज्ञापन भेजा जाता है। वहीं कुछ केस तो ऐसे भी हैं जहां एप इंस्टॉल करने के एक माह बाद से विज्ञापन शुरू करते हैं।
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चीता मोबाइल द्वारा किया गया सर्वे तो एंडरॉयड उपभोक्ताओं को और भी डराता है। कंपनी ने 2015 में एक सिक्योरिटी रिपोर्ट पेश की थी जिसके मुताबिक भारत और चीन जैसे देश मालवेयर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। वर्ष 2015 में इन देशों में कुल 8,00,000 से ज्यादा एंडरॉयड फोन उपभोक्ता विज्ञापन वाले मालवेयर से प्रभावित हुए जबकि 3,00,000 से ज्यादा उपभोक्ता मोबाइल वायरस के चपेट में आए जिनसे मोबाइल पेमेंट से सम्बंधित जानकारियां चोरी हुईं।