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फेसबुक के बोर्ड मेंबर के बयान को मार्क जुकरबर्ग ने दुखद बताया और मांगी माफी

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टलीकॉम रेग्यूलेटरी आॅथोरिटी आॅफ इंडिया (ट्राई) द्वारा हाल में न्यूट्रालिटी पर चल रही बहस पर विराम लगाते हुए फैसला जारी किया गया। इसके बाद से भारत में टेलीकाॅम आॅपरेटर्स पर इंटरनेट उपयोग के लिए अलग-अलग कीमत मुहैया कराने पर रोक लगा दी है। र्टाई की इस फैसले के बाद भारत में फेसबुक की फ्री बेसिक्स को बड़ा झटका लगा है। कंपनी की फ्रीबेसिक सेवा बंद कर दी जाएगी।

इस फैसले के बाद फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वह भारत में फ्री बेसिक्स के लिए कोशिश करते रहेंगे। वहीं फेसबुक के बोर्ड डायरेक्टर का बयान बेहद ही विवादित रहा। सोशल मीडिया पर इसे हलचल पैदा कर दी।

फेसबुक के एक बोर्ड डायरेक्टर मार्क एंड्रीसन ने नेट न्यूट्रालिटी पर ट्राई द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद ट्विटर पर लिखा कि भारत ब्रिटेन के गुलाम होता तो अच्छा होता। इस ट्विट का विरोध शुरू हो गया और कई लोंगों ने इस पर रीट्विट भी किए। जब हलचल बढ़ गई जो एंड्रीसन ने इस ट्विट को डिलीट कर दिया और माफी भी मांगी।

वहीं अब फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भारत के बारे में मार्क एंड्रीसन द्वारा दिए गए बयान को दुखद बताते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैं इस टिप्पणी से बेहद दुखी हूं भारत मेरे और फेसबुक के लिए भारत हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है।’

मामले को ज्यादा बढ़ते देख को इसमें आना पड़ा और उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट की मदद से इसे दुखद बताया। उन्होंने लिखा कि‘मार्क एंड्रीसन का यह बयान हमारे या फेसबुक की ओर से नहीं दिया गया है।’

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उन्होंने आगे लिखा है कि ‘अपने मिशन के बारे में सोचते वक्त मैं सबसे पहले भारत गया था जहां जाकर मैं काफी प्रोत्साहित हुआ। भारत दौरे ने मेरी समझ को भी बहुत मजबूत किया। जिस तरह भारत एक मजबूत देश और दुनिया की सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में विकसित हुआ उससे मैं काफी इंस्पायर हुआ है। मैं भारत के साथ अपने रिश्ते और भी मजबूत करने की उम्मीद रखता हूं।’


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