
3 जुलाई से पूरे देश में नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा शुरू कर दी गई है। अब आप भारत के किसी भी राज्य में रहें, समान मोबाइल नंबर रख सकते हैं और रोमिंग शुल्क भी चुकाना नहीं होगा। सबसे पहले एयरटेल ने नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा शुरू करने की घोषणा की। कंपनी ने कल ही ट्विटर और विज्ञप्ति के माध्यम से सेवा की जानकारी प्रदान कर दी थी, वहीं आज लगभग सभी निजी सेवा प्रदाताओं जैसे- वोडाफोन, रिलायंस कम्यूनिकेशंस, आइडिया और एयरसेल सहित भारत सरकार की संस्थान बीएसएनएल ने भी नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा की घेषणा कर दी है। आगे हमने इस सेवा से सम्बंधित ऐसी ही पांच खास बातों का जिक्र किया है जो आम मोबाइल उपभोक्ता के लिए बेहद ही उपयोगी हैं।
1 क्या है मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी उपभोक्ता को एक ऐसी ताकत प्रदान करता है जिसके माध्यम वह अपना नंबर रखकर सेवा का अधिकार बदल सकता है। अर्थात नंबर वही होगा लेकिन सेवा प्रदाता (आॅपरेटर) बदल सकता है। उपभोक्ता जिस आॅपरेटर की चाहे उसकी सर्विस ले सकता है। इसे नंबर पोर्ट करना कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपके पास वोडाफोन का नंबर है और आप सेवा से परेशान हैं तो अपने पुराने नंबर को रख कर सेवा प्रदाता बदल सकते हैं। अर्थात एयरटेल या आइडिया सहित किसी अन्य ऑपरेटर का चुनाव कर सकते हैं।
2 मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी बनाम नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी
हर किसी के दिमाग में यह प्रश्न आना लाजमी है कि मोबाइल नंबर पोर्टेलिटी सेवा भारत में पहले से है तो यह नेशनल मोबइल नंबर पोर्टेबिलिटी कैसे अलग है? आपको बता दूं कि मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के तहत आप सिर्फ अपने सर्किल में ही नंबर को पोर्ट कर सकते थे। अर्थात आप दिल्ली सर्किल के उपभोक्ता हैं तो नंबर को सिर्फ दिल्ली में ही किसी दूसरे आॅपरेटर के साथ पोर्ट किया जा सकता था।
वहीं नए नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के तहत अब आप अपना नंबर किसी भी टेलीकाॅम सर्किल में पोर्ट कर सकते हैं। यदि आप दिल्ली के एयरटेल की सेवा ले रहे हैं और स्थाई रूप से राजस्थान में बस गए हैं तो आप राजस्थान में अपना नंबर एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया या बीएसएनएल सहित किसी भी सेवा प्रदाता में पोर्ट कर सकते हैं। आपको नया नंबर लेने की जरूरत नहीं है।
3 किन्हें होगा फायदा
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी और नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का फायदा उन सभी लोगों को होगा जो अपने सर्विस प्रदाता की सेव से त्रस्त थे। अब वे आसानी से अपना नंबर बदल सकते हैं। इसके साथ ही उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो स्थाई रूप से एक राज्य से किसी दूसरे राज्य में व्यवस्थित हो गए हैं। अब वे नए राज्य में अपना पुराना नंबर पोर्ट कर सकते हैं जिससे काॅलिंग के दौरान रोमिंग चार्ज चुकाना नहीं होगा। इसके साथ ही नए सर्किल में सर्विस प्रदाता भी बदल सकते हैं जिसकी नेटवर्क सर्विस बेहतर हो उसकी सेवा ले सकते हैं।
हालांकि फिलहाल नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा का लाभ जम्मू-कश्मीर और असम व उत्तर-पूर्व के राज्यों में नहीं लिया जा सकता। सुरक्षा करणों की वजह से नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा को यहां बाद्य किया गया है।
4 कैसे लें मोबाइल नंबर पोर्टेबिलटी का लाभ
सबसे पहले आप नए सेवा प्रदाता से संपर्क करें जिसकी आप सेवा लेना चाहते हैं। वहां आपको एक फाॅर्म जिसे कैफ (CAF) कहते हैं दिया जाएगा। इसके साथ ही जिस नंबर को पोर्ट करना चाहते हैं उससे पोर्ट लिखकर सपेस दें और फिर अपना मोबाइल नंबर लिखकर 1900 पर एसएमएस करें।
एसएमएस से आपको 8 डिजिट का नंबर दिया जाएगा। इस नंबर को कैफ फाॅर्म में सभी सूचनाओ के साथ भरें। वहीं नए सर्विस प्रदाता द्वारा आपसे कुछ अन्य डाॅक्यूमेंट भी मांगे जाएंगे।
यदि आप पोस्टपेड उपभोक्ता हैं तो आपको अपना पुराना बिल भी लगाना होगा। यहां अपको एक नया सिम दिया जाएगा।
नंबर पोर्ट के लिए आपसे 19 रुपए का चार्ज लिया जाएगा और 24 घंटे के अंतराल में पोर्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पोर्टिंग की प्रक्रिया 7 दिनों के अंदर पूरी कर ली जाएगी और सुबह 4 बजे आपका नंबर पोर्ट होगा जिससे सेवा में किसी तरह की कोई बाधा न हो।
नंबर पोर्ट होने के साथ ही आपको वे सभी सेवाएं मिलेंगी जो पहले पुराने सेवा प्रदाता के साथ दी जा रही थी। एक बार नंबर पोर्ट करने के बाद आप 90 दिनों तक फिर दोबरा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
5 भारत में नंबर पोर्टेबिलिटी
यह जानकर आपको हैरानी होगी कि भारत में सबसे पहले मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा की शुरुआत हरियाणा से हुई थी इसमें मेट्रो शहर पीछे रह गए। 25 दिसंबर 2010 को सबसे पहले हरियाणा में इस सेवा की शुरुआत की गई और 20 जनवरी 2011 से पूरे देश में लागू कर दिया गया। वहीं नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा को सबसे पहले एयरटेल ने शुरू किया। कंपनी ने 2 जुलाई 2015 को ही इस सेवा को लागू करने की घोषणा कर दी।
भारत में हर माह भारी मात्रा में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किये जाते हैं। इस साल सिर्फ अप्रैल में 3.17 मिलियन उपभोक्ताओं ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किया। वहीं ट्राई द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा लागू होने से अब तक कुल 157.01 मिलियन आवेदन मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आ चुके हैं।