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फ्लिपकार्ट, अमेजन, स्नैपडील ने जीएसटी में कर कानूनों पर चिंता जताई

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जीएसटी में कर कानूनों से परेशान फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नैपडील।


ऑनलाइन रिटेलर मसलन फ्लिपकार्ट, स्नैपडील तथा अमेजन ने एक साथ मिलकर जीएसटी कानून के मसौदे में स्रोत पर कर कटौती :टीसीएस: नियमों पर चिंता जताई है। टीसीएस के तहत ई-कामर्स मार्केटप्लेस में विक्रेता को किए जाने वाले भुगतान का एक हिस्सा काटकर उसे सरकार के पास जमा कराना होगा।

कंपनियों का कहना है कि इससे सालाना 400 करोड़ रपये की राशि फंस जाएगी। इससे दुकानदार ऑनलाइन बिक्री से हतोत्साहित होंगे। जीएसटी कानून के इस आदर्श मसौदे को इस महीने के अंत तक अंतिम रूप दिया जाना है।

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फ्लिपकार्ट के सह संस्थापक सचिन बंसल ने यहां फिक्की के एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, ’‘हमारा मानना है कि हमने पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में उल्लेखनीय अंतर पैदा किया है। सैंकड़ो और हजारों ऑनलाइन विक्रेता हैं और इनमें से कई उद्यमी हैं। कुछ ऑफलाइन रिटेलर हैं।’’ उन्होंने कहा कि ई-कामर्स उद्योग का मानना है कि जीएसटी आगे की सोच वाली कर पहल है और इसका क्षेत्र पर बदलाव लाने वाला प्रभाव होगा।

बंसल ने कहा कि टीसीएस एक मुद्दा है। लेकिन हमारा अनुमान है कि इससे करीब 400 करोड़ रपये की पूंजी फंसेगी, जो विक्रेता को नहीं मिलेगी। इससे कार्यशील पूंजी कम होगी। ऐसे में विक्रेता ऑनलाइन आने से हिचकेंगे।


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