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सरकार लॉन्च करेगी एक साधारण यूपीआई एप, जिसमें यूएसएसडी के साथ होंगे और भी कई फीचर्स

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unified payments interface

जल्द ही आम यूपीआई एप में साधारण इंटरफेस की सुविधा के लिए नए फीचर्स होंगे जिनका उपयोग कर आसानी से पैसे भेजे व रीसीव किए जा सकते हैं।


देश में कैशलेस इकॉनोमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिल सके। पुराने नोटों पर प्रतिबंध के बाद देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर लोगों का झुकाव बढ़ा है और ऐसे में डिजिटल पेमेंट को आसानी बनाने के लिए सरकार द्वारा हाल ही में यूनीफाईड पेमेंट इंटरफेस (युपीआई) को लॉन्च किया गया। जिसका उपयोग फिलहाल एंडरॉयड स्मार्टफोन पर ही किया जा सकता है। वहीं सरकार द्वारा पेश किए यूएसएसडी की मदद से उपभोक्ता बिना इंटरनेट कनेक्शन के पैसे भेजने के अलावा अपना अकाउंट बैलेंस और मिनी स्टेटमेंट भी चेक कर सकते हैं। यूपीआई और यूएसएसडी दोनों ही प्लेटफॉर्म फिलहाल शुरूआती स्टेज पर हैं और सरकार इन्हें और बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रही है।

सरकार अब यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंटरी सर्विस डाटा (यूएसएसडी) को जल्द ही नए कलेवर में लॉन्च करने की तैयारी में है। एक सप्ताह के अंदर यूपीआई एप को और बेहतर विकल्पों के साथ लॉन्च किया जाएगा। इसे ज्यादा यूजर फ्रेंडली बनाने की कोशिश की गई है। इस एप में कई फीचर दिए गए हैं जिनकी मदद से यूजर किसी भी बैंक से ट्रांजेक्शन के लिए इसका इस्तेमाल कर सकेंगे.

क्या यूपीआई किसी भी बैंक एप का उपयोग करने और अकाउंट को कनेक्ट करने के लिए लचीला है। यदि आपका अकाउंट आईसीआईआई बैंक और एचडीएफसी बैंक में है तो आप एसबीआई बैंक और कैनरा बैंक में ट्रांजेक्शन करने के लिए यूपीआई एप में रजिस्टर कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के दौरान यह आपसे आपका बैंक और अन्य सभी जानकारी पूछेगा। हालांकि प्रत्येक एप्लिकेशन के लिए अलग इंटरफेस है जो कि उपभोक्ता को थोड़ा सा असमंजस में डाल सकते हैं।

साधारण यूपीआई एप
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए सरकार नया व कम वर्जन का यूपीआई एप लॉन्च करेगी। यह एप यूजर्स को मल्टीपल बैंक में ट्रांजेक्शन की सुविधा मुहैया कराएगा। उम्मीद है कि सरकार इस एप को एक हफ्ते में लॉन्च कर सकती है। यूपीआई एंडरॉयड एप में 33 बैंकों को शामिल किया गया है। किंतु यूपीआई इंटरफेस अन्य एप के मुकाबले बेहतर फीचर्स और बैंकिंग आॅप्शन मुहैया कराएगा। यूपीआई के जरिए जानें कैसे करें पैसे ट्रांसफर और रिसीव

हालांकि नए यूपीआई एप किसी अन्य एप को प्रतियोगिता देने के लिए नहीं आ रहा। यह केवल बुनियादी सुविधाओं वाला एक साधारण सा संस्करण होगा जिसमें उपयोगकर्ता पैसे भेजने या प्राप्त करने के अलावा लिंक बैंक खाते, सेव यूजर्स प्रोफाइल, सेव बेनिफिशरी डिटेल और भाषा बदलाव की सुविधा उपलब्ध होगी। उपयोगकर्ता नए आम एप का उपयोग कर घर पर ही बैंक की कुछ अतिरिक्त सुविधाओं को लाभ ले सकते हैं।

सरकार यूएसएसडी का भी अपग्रेडेड वर्जन लॉन्च करने जा रही है। इस सुविधा के लॉन्च होने से फीचर मोबाइल से बैंकिंग काफी आसान हो जाएगी। 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद से यूपीआई एप के जरिए ट्रांजेक्शन दोगुना होकर 70,000 तक पहुंच गया है और इसके रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्या 42 लाख हो गई है। एनपीसीआई के एमडी एपी होता ने कहा, ‘यूपीआई को जो रिस्पॉन्स मिला है वो ठीक है लेकिन हम इससे खुश नहीं हैं। हमें भरोसा है कि आने वाले दिनों में इससे भी बेहतर स्थिति बनेगी।

यूपीआई और यूएसएसडी प्लेटफॉर्म का एक साथ जुड़ना
यूपीआई एप एंडरॉयड स्मार्टफोन उपभोक्ताओं के लिए काफी बेहतर है किंतु कुछ ग्रामीण इलाकों में अभी भी फीचर फोन का उपयोग किया जा रहा है जिसमें इंटरनेट की सुविधा नहीं है। उनके लिए यूएसएसडी प्लेटफॉर्म को पेश किया गया है। इसमें उपभोक्ता केवल बैंकिंग सुविधा को मोबाइल पर प्राप्त करने के लिए केवल *99# डायल कर सकते हैं। जिसके बाद उपभोक्ता अपने फीचर फोन पर ही बैंक अकाउंट की शेष राशि, मिनी स्टेटमेंट प्राप्त करने के अलावा फोन नंबर और एमएमडीआई की मदद से पैसे भेज और प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए किसी प्रकार के इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता नहीं है। केवल कुछ स्टेप फॉलो कर इसका उपयोग किया जा सकता है।

*99# बैंकिंग कोड सभी बैंकों में काम करता है और इससे एक बैंक के खाते से दूसरे बैंक के खाते में पैसे भेजे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए आप भारतीय स्टेट बैंक के एक खाते से बैंक ऑफ़ बड़ोदा के खाते में आसानी से पैसे भेजे सकते हैं।

कई मल्टीपल पेमेंट सिस्टम उपभोक्ताओं को काफी असमंजस में डाल देते हैं। वहीं यूपीआई के लिए आपको वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और यूएसएसडी आधारित मोबाइल बैंकिंग के लिए आपको एमएमडीआई नंबर की आवश्कयता होगी। हालांकि सरकार द्वारा यूपीआई और यूएसएसडी प्लेटफॉर्म के इंटीग्रेशन के पीछे आॅफलाइन सुविधा मुहैया कराना है।

देश में नोटबंदी के बाद यूएसएसडी आधारित ट्रांजेक्शन 1.5 लाख से बढ़कर प्रतिदिन 6.5 लाख हो गया है। फिलहाल यह प्लेटफॉर्म 51 बैंक को सपोर्ट करता है और यूपीआई इंटीग्रेशन के बाद आॅफलाइन ट्रांजेक्शन करने में भी मदद मिलेगी।

डिजिटल पेमेंट के लिए साधारण हेल्पलाइन नंबर
नीति आयोग उद्योग संगठन NASSCOM और टेलिकॉम कंपनियों के साथ मिलकर देश भर में डिजिटल पेमेंट्स से जुड़ी किसी भी समस्या, या सवाल का जवाब देने के लिए एक नई हेल्पलाइन 14444 शुरू करने की घोषणा की है। इसके जरिए डिजिटल भुगतान से जुड़े सवालों के जवाब दिए जाएंगे। साथ ही डिजिटल पेमेंट्स में अगर कोई समस्या आ रही है तो उसका भी समाधान किया जा सकेगा। 500 और 1000 रुपए के नोट पर प्रतिबंध के बाद कैसे करें डिजिटल वॉलेट का बेहतर उपयोग रोजमर्रा की जिंदगी में


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