
दुनिया का सबसे सस्ता फोन फ्रीडम 251 लॉन्च हो गया है और इसके साथ ही कंपनी पर सवाल भी उठने लगे हैं। आखिर कैसे कोई फोन इतना सस्ता हो सकता है?
दुनिया के सबसे सस्ते एंडरॉयड स्मार्टफोन फ्रीडम 251 को कल भारत में लॉन्च कर दिया गया। 251 रुपए का यह फोन कई शानदार फीचर्स से लैस है। फोन की बुकिंग freedom251.com पर आज से शुरू हो चुकी है लेकिन इसके साथ ही कंपनी पर सवाल भी उठने लगे हैं। फोन लॉन्च के दौरान भी कई सवाल किए गए और उनका जवाब भी कंपनी के अधिकारियों द्वारा दिया गया।
पहला सवाल
मीडिया जगत से लेकर आम उपभोक्ता के बीच फ्रीडम 251 को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं जिसमें सबसे पहला सवाल है कि कोई फोन इतना सस्ता कैसे हो सकता है?
इस बारे में कंपनी का कहना है कि आज की तारीख में इस फोन की कीमत लगभग 2,500 रुपए है। देश में निर्माण होने की वजह से सबसे पहले हमें 13.8 फीसदी ड्यूटी की बचत होगी जो कि 400-450 रुपए तक हैं। वहीं इस फोन का निर्माण बल्क में किया जाएगा अर्थात एक बार में एक लाख से ज्यादा फोन का निर्माण किया जाएगा। इस कारण लगभग 500 रुपए की बचत होती है।
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आॅनलाइन सेलिंग मॉडल की वजह से लगभग 480 रुपए की बचत होती है। इन सबको घटाने के बाद फोन की कीमत लगभग 1,000 रुपए के बराबर हो जाती है। अब जो कीमत बचती है उसे हम 12 महीनों के दौरान मार्केटिंग इनोवेशन के आधार पर कम करेंगे। भारत में कम रेंज में लगभग 2 करोड़ फोन की सेल प्रति माह है और हमारी कोशिश यही होगी कि अगले एक साल में 30 फीसदी बाजार पर कब्जा करें। ऐसे में हम एक प्लेटफार्म बनाएंगे जहां दूसरे भी आकर अपने प्रोडक्ट बेच सकें और इससे जो 700-800 रुपए की बचत होगी उसे हम इससे पूरा करेंगे।
दूसरा सवाल
जैसा कि मालूम है इस फोन के लॉन्च से पहले ही कपंनी ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया की बात की थी। ऐसे में दूसरा सवाल यही था कि इन फोन का निर्माण कहां होगा?
इस बारे में कपंनी का कहना है कि फिलहाल फ्रीडम 251 का असेंबलिंग नोएडा में होगा और हम उत्तराखंड में भी एक नया प्लांट लगाने की योजना बना रहे हैं।
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तीसरा सवाल
251 रुपए में उपलब्ध फ्रीडम 251 को लेकर भारी मांग आने की संभावना है। ऐसे में उसे कैसे पूरा किया जाएगा?
कंपनी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बुकिंग में भारी मात्रा में मांग आने की संभावना है। जिस तरह की मांग की हम आशा कर रहे हैं उस हिसाब से हमें कम से कम 5 प्लांट की आवश्यकता होगी। ऐसे में हम देश की दूसरी तकनीकी कंपनियों से भी बात कर रहे हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में 5 प्लांट लगाए जाएंगे।
चौथा सवाल
फ्रीडम 251 को लेकर यह बात भी हो रही है कि यह फोन किसी दूसरे ब्रांड का है?
इस बारे में कंपनी का कहना है कि यह अभी प्रोटो टाइप है। अर्थात परिक्षण की यूनिट है जो तैयार प्रोडक्ट होगा वह बिल्कुल अलग होगा।
पांचवा सवाल
आकाश टैबलेट के बाद फ्रीडम 251 को लेकर भी बड़ी जोर से चर्चा थी कि शायद सरकार की ओर से कहीं सब्सिडी दी जा रही हो।
परंतु कंपनी ने इस खबर को सिरे से नकार दिया। इस बारे में कंपनी का कहना है कि भारत सरकार से इस पर हमें कोई सब्सिडी नहीं मिल रही है। यह पूरी तरह से रिंगिंग बेल की कंपनी है।
छठा सवाल
यह नई कंपनी है ऐसे में कंपनी की पहचान को लेकर सवाल उठना लाजमी है। यह सवाल भी किया गया कि फ्रीडम 251 की पैरेंटल कंपनी (मूल कंपनी) कौन है और इसमें कितनी पूंजी इनवेंस्ट की जा रही है?
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जानकारी दी गई कि मूल कंपनी रिंगिंग बेल्स है और हर प्लांट के हिसाब से 230-250 करोड़ रुपए तक इनवेस्ट करेंगे। दो प्लांट पर लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
सातवां सवाल
मेक इन इंडिया को लेकर यह भी जिक्र किया गया कि फोन के कंपोनेंट्स कहां से आएंगे क्या इसे भारत में बनाया जाएगा या इंपोर्ट होगा?
इस बारे में कंपनी ने बताया कि चिपसेट ताइवान से इंपोर्ट किया गया है जबकि भारत में असेंबल होगा। वहीं अन्य कंपोनेंट्स में ज्यादातर भारत में ही निर्माण किए जाएंगे।