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ये हैं एंडरॉयड स्मार्टफोन के 10 बड़े शैतान

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आप अपने फोन को लेकर हमेशा सजग रहते हैं कि इस पर किसी की बुरी नजर न लग जाए। जो कुछ भी आपसे बनता है आप करते हैं। फोन की सुरक्षा के लिए स्क्रीन गार्ड और कवर लगाते हैं। फोन के अंदर की सुरक्षा के लिए पासवर्ड और एंटीवायर डालते हैं फिर भी कुछ दुश्मन हैं जो आपके फोन में अपना घर कर ही जाते हैं। इन दुश्मनों को हम वायरस के नाम से जानते हैं।

जिस तरह आपके फोन के लिए एप्स दोस्त हैं उसी तरह वायरस फोन के दुश्मन। एप को दोस्तों की तरह आप खुद अपने फोन में लाते हैं लेकिन वायरस चोरों की तरह छुपकर आते हैं। पंरतु क्या आपको मालूम है कि एप्लिकेशन की तरह इन वायरस के भी नाम हैं? नहीं! तो चलिए हम आपको बताते हैं आपके फोन में छुपने वाले ऐसे ही 10 खतरनाक शैतानों का नाम जो फोन की बर्बादी के लिए जिम्मेदार होते हैं।

1. स्टेजफ्राइट: पिछले साल इस वायरस ने सभी मोबाइल उपभोक्ताओं के बीच खौफ पैदा कर दिया था। यह 100 करोड़ मोबाइल को हैक कर सकता है। यह वायरस एसएमएस के माध्मय से आपके फोन में आता है। इसमें एक वीडियो भेजा जाता है और जब तक आप उसे देखते हैं आपके फोन की जानकारी हैक हो चुकी होती है। ‘स्टेजफ्राइट’ नाम का यह वायरस फोन में डाटा चोरी करता है।

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2. डेनड्रायड: ऐसा ही एक और खतरनाक वायरस है डेनड्रॉयड। आप इसे डेंजर ड्रायड भी कह सकते हैंं। ट्रोजन फैमिली का यह वायरस पूरी तरह से आपके फोन को कंट्रोल कर लेता है। फोन में आने के बाद यह खुद ही सारे कमांड को बदल देता है। एक बार फोन में इंस्टॉल होने के बाद हैकर्स इसे रिमोटली कंट्रोल कर सकते हैं। यह आपके फोन के कॉल लॉग डिलीट कर सकता है, वेबपेज खोल सकता है और किसी भी नंबर को डायल कर सकता हैै। खुद ही इमेज और वीडियो को किसी साइट पर अपलोड कर सकता है।

3. बेसब्रिज: एंडरॉयड फोन का यह वायरस आपके फोन में जासूस की तरह बैठ जाता है। फोन में उपलब्ध संवेदनशील डाटा को चुरा कर दूसरे सर्वर पर भेजता है। इतना ही नहीं यह वायरस आपके फोन बिल को भी बढ़ाने का कार्य करता है। यह चोरी छिपे प्रीमियम दर के मैसेज को आपके फोन से भेजता रहता है। यह इतना ताकतवर है कि आॅपरेटर द्वारा सेट डाटा कंजम्शन मॉनिटर को भी ब्लॉक कर देता है जिससे कोई इस पर नजर न रख सके। बेसब्रिज वायरस मुख्य रूप से थर्ड पार्टी एप स्टोर से एप्लिकेशन डाउनलोड करने के दौरान आता है।

4. बैटरी डी-ए: यह वायरस एप्लिकेशन के माध्यम से एप स्टोर पर उपलब्ध है। इसे बैटरी डॉक्टर भी कहा जाता है। सोपहोस एंटीवायर द्वारा बताया गया है कि यह वायरस बैटरी सेव करने का दावा करता है लेकिन एचटीसीपस पर आपकी जानकारियों का चुराता है और फोन में ढेर सारे एडवर्ड भेजता है।

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5. जीफेक: बेसब्रिज की तरह यह वायसर भी आपके फोन से प्रीमियम रेट पर मैसेज भेजने का का कार्य करता है। यह वायरस फोन में थर्डपार्टी एप के माध्मय से आता है। ट्रेंड माइक्रो का दावा है कि ट्रोजन फैमिली का यह वायरस आपके फोन में एक एसएमएस से इंबेड हो जाता है और डाटा चोरी करने का कार्य करता है।

6. ओपफेक: यह वायरस भी बेहद ही खतरनाक है। यह वायरस गूगल क्रोम ब्राउजर और ओपेरा ब्राउजर में डाउनलोडर का बहाना करके आता है। एंडरॉयड फोन का यह वायरस भी ट्रोजन फैमिली का है। इस वायरस को बहुत ज्यादा मोबाइल फोन में देखा जाता है जो शांतिपूर्वक फोन से प्रीमियम एसएमएस भेजने का कार्य करता है। इस वायरस को फोन में फोनी पॉप—अप और फेक एंडरॉयड मार्केट के माध्मय से भेजे जाते हैं।

7. कोलेर: यह वायरस न सिर्फ आपके फोन का डाटा चोरी करता है बल्कि आपको बदनाम करने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। यह आपके फोन पर फेक अडल्ट थीम भेजने लगता है। ट्रोजन फैमिली का यह वायरस है। एडल्ट थीम के साथ ही आपके फोन का डाटा भी सुरक्षित नहीं है। यह आपके फोन में दूसरे साइट को रिडायरेक्ट कर देता है। अर्थात आप एप खोलेंगे तो खुद ही कोई वेबसाइट खुल जाएगा। एक बार यह इंस्टॉल हो जाता है तो फिर आपको नुकसान पहुंचाकर ही छोड़ता है। इसे आसानी से आप अनइंस्टॉल भी नहीं कर सकते।

8. बॉक्सर: एंडरॉयड का यह वायरस भी आपके फोन का बड़ा दुश्मन है। यह वायरस भी विशेष तौर से चोरी छिपे प्रीमियम रेट पर मैसेज भेजने के लिए जाना जाता है। एंडरॉयड फोन में यह वायसर फ्लैश की तरह छुपकर बैठा होता है।

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9. जिनमास्टर: इस वायरस को जिनमास्टर या जिंजरमास्टर के नाम से भी जाना जाता है। काफी ज्यादा फोन को इसने प्रभावित किया है। यह बेहद ही आकर्षक रूप से फोन में आता है। एंडरॉयड उपभोक्ताओं को किसी वेब ब्राउजिंग के दौरान मोहक और सुंदर औरत की तस्वीर दिखाई जाती है और उस पर क्लिक करते ही यह फोन में इंस्टॉल हो जाता है। यह वायरस आपकी डिवाइस आईडी के अलावा फोन नंबर सहित अन्य जानकारियां चुराने का कार्य करता है।

10. वीडीलोडर: यह वायरस भी बहुत शातिर चोर है। खास तौर से इसे एशिया के देशों में ही देखा गया है। वीडीलोडर आपके फोन में एसएमएस के माध्यम से आकर आपके फोन में बैठ जाता है। यहां से यह छिपकर दूसरे किसी सर्वर से कॉन्टैक्ट स्थापित करता है। इसके माध्मय से यह एंडरॉयड फोन में चुपके से अतिरिक्त एप्लिकेशन इंस्टॉल करता रहता है। इस एप को इंस्टॉल होते ही फोन में एप की बाढ़ शुरू हो जाती है। यह वायरस फोन में उपलब्ध दूसरा एप के डाटा को भी चोरी करने का कार्य करता है।


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